Enzyme
प्रोटीनिये प्रकृति ऐसे कार्बनिक पदार्त जो जीवित कोशिका में जैव उत्प्रेरक भाँति व्यहार करते है | एंजाइम कहलाते है | अर्थात
एंजाइम ऐसे कार्बनिक पदार्त है जो जैविक क्रियाओं की दर को सामान्यतः बड़ा देते है |
=>खोजकर्ता -बुकनर | -इन्होने एंजाइम को यीस्ट में खोजा | तथा इनके द्वारा खोजा गया एंजाइम जाइमेज था | जो शर्करा के किण्वन से सम्बंधित है |
=>कुहने ने एंजाइम शब्द दिया |
=>सुमनर ने सर्वप्रथम एंजाइम का क्रिस्टलीकरण करवाया | इनके द्वारा लिया गया क्रिस्टलीय एंजाइम युरियेज था जो यूरिया के जल अपघटन से सम्बंधित है |
=>सुमनर ,नॉर्थ ,स्टेनले ने एंजाइम की प्रोटीनिये प्रकृति को बताया इसके लिए इनको नोबल पुरुस्कार से सम्मानित किया गया |
=>सेक व् अल्टमान ने राइजोबियम एंजाइम की खोज की| यह एंजाइम RNA के बने होते है | जो RNA स्प्लिसिंग से सम्बंधित होते है अर्थात इन्होने एंजाइम अप्रोटीनीय प्रकृति को बताया |
टर्न ऑवर संख्या -
1 ग्राम एंजाइम के अणु द्वारा substate (क्रियाधार ) को कितने अणु में बदला जाता है |
Structure of enzyme
1 . सरल एंजाइम -
ऐसे एंजाइम जो केवल प्रोटीन के बने होते है | वह सरल एंजाइम कहलाते है EX . लाइपेज , प्रोटियेज , ट्रिप्सीन , एमाइलेज |
2 . पूर्ण /संयुक्त एंजाइम -(HOLLOENZYME )
ऐसे एंजाइम जो प्रोटीनिये व अप्रोटीनिये भाग से बने होते है पूर्ण एंजाइम कहलाते है |
यह दो प्रकार के होते हो ---------------------------------------------------
एपोएंजाइम -
यह होल्लोएंजाइम का प्रोटीनिये भाग है अर्थात होलोएंजाइम का प्रोटीनिये
भाग एपोएंजाइम कहलाता है |
एपोएंजाइम में कुछ विशिष्ट क्षेत्र उपस्थित होते है जो क्रियाधार से जुड़े होते है जो एंजाइम के सक्रिय शिरे कहलाते है
होलोएंजाइम का अधिकांश भाग एपोएंजाइम का बना होता है |
सह-कारक (co -factor )-
यह होलोएंजाइम का अप्रोटीनिये भाग है यह एंजाइम की क्रियाशीलता को बढ़ाता है
यह तीन प्रकार का होता है -------------------------------------------------
*प्रोस्टेटिक समूह -
होलोएंजाइम का अप्रोटीनिये भाग यदि एपोएंजाइम से द्रढ़ता या सघनता से जुड़ा हो तो इसे प्रोस्टेटिक समूह कहते है |
ex . साइटोक्रोन , लेवोप्रोटीन
*co-enzyme-
यदि होलोएंजाइम का अप्रोटीनिये भाग एपोएंजाइम से ढिले बंधों की सहायता से जुड़ा हो तो इसे co-enzyme कहते है |
ex . NAD , NADP CO -A
*सक्रिय एंजाइम -
यदि होलोएंजाइम का अप्रोटीनीय भाग किसी अकार्बनिक पदार्त का बना हो तो इसे सक्रिय एंजाइम कहते है |
EX . काइनेज -Mg +2 ,नाइट्रोरिडक्टेज -Mo , कार्बोनिक एनहाइड्रेज -
Zn +2
एंजाइम का नामकरण
डयूकलोकस ने एंजाइम के नामकरण के लिए प्रस्ताव रखा की क्रियाधार या क्रिया के पीछे '' ऐज '' अनुलगन लगाकर एंजाइम का नामकरण किया जाता है |
1 . क्रियाधार के आधार पर -
क्रियाधार के पीछे 'ऐज ' अनुलगन लगाते है तो ये एंजाइम के नाम में परिवर्तित हो जाते है |
ex . सुक्रोज - सुक्रेज
माल्टोज - माल्टेज
लेक्टोज - लेक्टेज
ex . सुक्रोज - सुक्रेज
माल्टोज - माल्टेज
लेक्टोज - लेक्टेज
2 . क्रिया के आधार पर -
-जल अपघटन के लिए -हाइड्रोलेज |
-ऑक्सीकरण के लिए -ऑक्सीडेज , डी -हाइड्रोजिनेज |
-ऑक्सीकरण के लिए -ऑक्सीडेज , डी -हाइड्रोजिनेज |
एंजाइम का वर्गीकरण
international union of bio chemistry के द्वारा एंजाइम को (OTHLIL) निम्न वर्गों में विभाजित किया गया | और प्रत्येक एंजाइम की कूट संख्या दी |
O -ऑक्सिडोरिडक्टेज |
T-ट्रांस्फरेज |
H-हाइड्रोलेज |
L-लाइसेज |
I-आइसोमरेज |
L-लाइगेज |
1 . ऑक्सिडोरिडक्टेज -
इस वर्ग के एंजाइम ऑक्सीकरण व अपचयन अभिक्रिया में भाग लेते है |यह एंजाइम H को हटाने व जोड़ने तथा O को जोड़ने व हटाने का कार्य करते है EX . साइटोक्रोन ऑक्सीडेज ,डी -हाइड्रोजिनेज , रिडक्टेज |
2 . ट्रांस्फरेज -
ये एंजाइम क्रियाधार में से H के अतिरिक्त किसी भी मूलक या समूह को एक क्रियाधार से दूसरे क्रियाधार में स्थानान्तरित करते है |
EX . ट्रांसफ़ॉस्फ़ेट , ट्रांसएमीनेज |
3 . हाइड्रोलेज -
इस श्रेणी के एंजाइम जल की सहायता से क्रियाधार का जल अपघटन करते है
EX . माल्टेज , सुक्रेज , एमाइलेज , न्युक्लिएज ,|
4 . लाइसेज -
इस प्रकार के एंजाइम बिना जल की सहायता सेक्रियाधार का जल अपघटन करते है
EX . एल्डोलेज |
5 . आइसोमरेज -
यह एंजाइम क्रियाधारों में अन्तरआण्विक पुनर्वस्था के द्वारा या प्रकाशीय समावयवीय में परिवर्तित होने वाली अभिक्रिया भाग लेते है |
EX . फास्फो हेक्सा काइनेज, आइसोमरेज |
6 . लाइगेज -
इस प्रकार के एंजाइम दो यौगिकों को सह-संयोजक BOND से जोड़ने वाली अभिक्रिया में भाग लेते है |
EX . सिट्रेट सिन्थेटेज , पाईरूबेट कार्बोक्सिलेज |
O -ऑक्सिडोरिडक्टेज |
T-ट्रांस्फरेज |
H-हाइड्रोलेज |
L-लाइसेज |
I-आइसोमरेज |
L-लाइगेज |
1 . ऑक्सिडोरिडक्टेज -
इस वर्ग के एंजाइम ऑक्सीकरण व अपचयन अभिक्रिया में भाग लेते है |यह एंजाइम H को हटाने व जोड़ने तथा O को जोड़ने व हटाने का कार्य करते है EX . साइटोक्रोन ऑक्सीडेज ,डी -हाइड्रोजिनेज , रिडक्टेज |
2 . ट्रांस्फरेज -
ये एंजाइम क्रियाधार में से H के अतिरिक्त किसी भी मूलक या समूह को एक क्रियाधार से दूसरे क्रियाधार में स्थानान्तरित करते है |
EX . ट्रांसफ़ॉस्फ़ेट , ट्रांसएमीनेज |
3 . हाइड्रोलेज -
इस श्रेणी के एंजाइम जल की सहायता से क्रियाधार का जल अपघटन करते है
EX . माल्टेज , सुक्रेज , एमाइलेज , न्युक्लिएज ,|
4 . लाइसेज -
इस प्रकार के एंजाइम बिना जल की सहायता सेक्रियाधार का जल अपघटन करते है
EX . एल्डोलेज |
5 . आइसोमरेज -
यह एंजाइम क्रियाधारों में अन्तरआण्विक पुनर्वस्था के द्वारा या प्रकाशीय समावयवीय में परिवर्तित होने वाली अभिक्रिया भाग लेते है |
EX . फास्फो हेक्सा काइनेज, आइसोमरेज |
6 . लाइगेज -
इस प्रकार के एंजाइम दो यौगिकों को सह-संयोजक BOND से जोड़ने वाली अभिक्रिया में भाग लेते है |
EX . सिट्रेट सिन्थेटेज , पाईरूबेट कार्बोक्सिलेज |
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