CLASSIFICATION OF GYMNOSPERM
gymnosperm को तीन वर्गों में बांटा गया है |
1 . साइकेडोप्सिडा => इसे तीन भागों में बाटा गया |
=>साइकेडोफिलिकेलिज -ex . लाइजिनोप्टेरिस
=>साइकेडोडियोडेलीज -ex . विलियमसोनिया
=>साइकेडेलीज -ex . साइकस ,जेमिया
=>इस वर्ग के पादपों का तना अशाखित होता है जिसके शीर्ष पर संयुक्त पिछाकर पर्ण उपस्थित होती है
=>इन पौधों की आकृति खजूर के वृक्ष जैसी होती है
=>इस वर्ग के सभी सदस्य एक लिंगाश्रयी होते है तथा शंकु का निर्माण शीर्ष पर होता है
=>तने पर पर्ण क्षत चिन्ह उपस्थित होते है (पत्तियों के टूटने के निशान )
2 . कोनीफेरोप्सिडा =>इसे भी तीन भागों में बांटा गया |
=>कोर्डाईडेलीज -ex . कॉर्डाइटस
=>कोनीफेरेलिज -ex . पाइनस ,टेक्सस
=>गिंगोएलिज -ex . गिंगो बाइलोबा
=>इस वर्ग के पौधे काष्ठीय वृक्ष नुमा ,शाखित व सदा हरित होते है |
=>शाखाएँ दो प्रकार की होती है
1 . लम्बी शाखा |
2 . बोनी शाखा |
=>सामान्यतः बोनी शाखा पर शंकुओं का निर्माण होता है |
=>पत्तियां छोटी व शल्की पर्ण के रूप में पायी जाती है |
3 . नीटोप्सिडा -इसे भी तीन भागों में बांटा गया |
=>इफीड्रेलिज-ex . ईफीड्रा
=>वेल्वेशीएलिज -ex . वेल्वेशिया
=>नीटेलिज -ex . नीटम
=>इस वर्ग के सदस्य काष्ठीय क्षुप व कट लताओं के रूप में पाए जाते है |
=>पत्तियाँ सर्पिल व सम्मुख चक्रों में विन्यासित होती है |
=>इन पौधों के जायलम में वाहिकाएँ पायी जाती है |
जिमनोस्पर्म का आर्थिक महत्व -
=>जिमनोस्पर्म का उपयोग सजावटी पौधों के रूप में किया जाता है क्योंकि यह सदा हरित पौधे है जैसे साइकस रिवोल्युटा ,थूजा |
=>पाइनस ,सीड्र्स देवदारा ,एवीज बालसेमिया आदि की कष्ट का उपयोग रेल्वे स्लीपर ,इमारती लकड़ी व फर्नीचर के रूप में किया जाता है
=>क्योंकि इनकी काष्ट मजबूत व टिकाव होती है
=>जूनिफेरस की काष्ट का उपयोग पेन्सिल का बाह्य कवर ,स्केल ,कलम बनाने में किया जाता है
=>पाइनस रॉक्सबरगाई ,पाइनस वेलीचियाना की काष्ट से रेजिन व तारपीन का तेल प्राप्त किया जाता है
=>तारपीन के तेल का उपयोग पेण्ट एवं वारनेस में किया जाता है
=>जिमनोस्पर्म की काष्ट की लुग्दी बनाकर कागज तैयार किये जाते है
ex . पाइसिया की काष्ट |
=>एवीज बालसेमिया की काष्ट से कनाडा बालसम प्राप्त किया जाता है जिसका उपयोग स्थाई स्लाइड बनाने में किया जाता है
=>पाइनस जिरार्डियाना -को चिलगोजा पाइन भी कहते है | क्योंकि इससे चिलगोजा प्राप्त होता है जिसका उपयोग सूखे मेवों के रूप में किया जाता है
=>साइकस रिवोल्युटा को सागोपाम भी कहते है क्योंकि इसमें साबूदाना बनाया जाता है (तने से )
=>टेक्सस बेकाटा की काष्ट लचीली होने के कारण इसके धनुष बनाये जाते है टेक्सस बेकाटा को आयुवृक्ष भी कहा जाता है | क्योंकि यह धीरे -धीरे वृद्धि करता है
=>जापान में इसे अमृता की निशानी के रूप में लगाया जाता है
=>ईफीड्रा से ईफीड्रीन औषधी प्राप्त की जाती है जिसका उपयोग दमा / खांसी के उपचार में किया जाता है
=>टेक्सस से टेक्सोल नामक एल्केलॉयड प्राप्त होता है जिसका उपयोग कैंसर के उपचार में होता है
टेरीडोफाइट का आर्थिक महत्व
=>इकवीशिटम की राख में सिलिका अधिक मात्रा में पायी जाती है अतः इसका उपयोग जैवर ,पीतल की वस्तुओं को चमकाने में किया जाता है=>एजोला नीले -हरे शैवालों के साथ में सह जीवी रूप से पाए जाते है
=>यह चावल के खेतों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने का कार्य करते है
=>कई फर्नो के राइजोम उबाल कर खाये जाते है
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