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classification of gymnosperm in hindi 2020

CLASSIFICATION OF GYMNOSPERM

gymnosperm को तीन वर्गों  में बांटा गया है | 
classification of gymnosperm in hindi 2020

1 . साइकेडोप्सिडा => इसे तीन भागों में बाटा गया | 

=>साइकेडोफिलिकेलिज -ex . लाइजिनोप्टेरिस 
=>साइकेडोडियोडेलीज -ex . विलियमसोनिया 
=>साइकेडेलीज -ex . साइकस ,जेमिया 

=>इस वर्ग के पादपों का तना अशाखित होता है जिसके शीर्ष पर संयुक्त         पिछाकर पर्ण उपस्थित होती है 

=>इन पौधों की आकृति खजूर के वृक्ष जैसी होती है 

=>इस वर्ग के सभी सदस्य एक लिंगाश्रयी होते है तथा शंकु का निर्माण            शीर्ष पर होता है 

=>तने पर पर्ण क्षत चिन्ह उपस्थित होते है (पत्तियों के टूटने के निशान )


2 . कोनीफेरोप्सिडा =>इसे भी तीन भागों में बांटा गया | 

=>कोर्डाईडेलीज -ex . कॉर्डाइटस 
=>कोनीफेरेलिज -ex . पाइनस ,टेक्सस 
=>गिंगोएलिज -ex . गिंगो बाइलोबा 

=>इस वर्ग के पौधे काष्ठीय वृक्ष नुमा ,शाखित व सदा हरित होते है | 

=>शाखाएँ दो प्रकार की होती है 
1 . लम्बी शाखा |
2 . बोनी शाखा | 

=>सामान्यतः बोनी शाखा पर शंकुओं का निर्माण होता है | 

=>पत्तियां छोटी व शल्की पर्ण के रूप में पायी जाती है | 

3 . नीटोप्सिडा -इसे भी तीन भागों में बांटा गया | 

=>इफीड्रेलिज-ex . ईफीड्रा  
=>वेल्वेशीएलिज -ex . वेल्वेशिया 
=>नीटेलिज -ex . नीटम 

=>इस वर्ग के सदस्य काष्ठीय क्षुप व कट लताओं के रूप में पाए जाते है | 

=>पत्तियाँ सर्पिल व सम्मुख चक्रों में विन्यासित होती है | 

=>इन पौधों के जायलम में वाहिकाएँ पायी जाती है | 



जिमनोस्पर्म का आर्थिक महत्व -



=>जिमनोस्पर्म का उपयोग सजावटी पौधों के रूप में किया जाता है                क्योंकि यह सदा हरित पौधे है जैसे साइकस रिवोल्युटा ,थूजा

=>पाइनस ,सीड्र्स देवदारा ,एवीज बालसेमिया आदि की कष्ट का उपयोग       रेल्वे स्लीपर ,इमारती लकड़ी व फर्नीचर के रूप में किया जाता है 

=>क्योंकि इनकी काष्ट मजबूत  व टिकाव होती है 

=>जूनिफेरस की काष्ट का उपयोग पेन्सिल का बाह्य कवर ,स्केल ,कलम         बनाने में किया जाता है 

=>पाइनस रॉक्सबरगाई ,पाइनस वेलीचियाना की काष्ट से रेजिन व                   तारपीन  का तेल प्राप्त किया जाता है 

=>तारपीन के तेल का उपयोग पेण्ट एवं वारनेस में किया जाता है 

=>जिमनोस्पर्म की काष्ट की लुग्दी बनाकर कागज तैयार किये जाते है 
     ex . पाइसिया की काष्ट | 

=>एवीज बालसेमिया की काष्ट से कनाडा बालसम प्राप्त किया जाता है           जिसका उपयोग स्थाई स्लाइड बनाने में किया जाता है 

=>पाइनस जिरार्डियाना -को चिलगोजा पाइन भी कहते है | क्योंकि इससे         चिलगोजा प्राप्त होता है जिसका उपयोग सूखे मेवों के रूप में किया           जाता है 

=>साइकस रिवोल्युटा को सागोपाम भी कहते है क्योंकि इसमें साबूदाना         बनाया जाता है (तने से )

=>टेक्सस बेकाटा की काष्ट लचीली होने के कारण इसके धनुष बनाये जाते       है टेक्सस बेकाटा को आयुवृक्ष भी कहा जाता है | क्योंकि यह धीरे -धीरे       वृद्धि करता है 

=>जापान में इसे अमृता की निशानी के रूप में लगाया जाता है 

=>ईफीड्रा से ईफीड्रीन औषधी प्राप्त की जाती है जिसका उपयोग दमा /         खांसी के उपचार में किया जाता है 

=>टेक्सस से टेक्सोल नामक एल्केलॉयड प्राप्त होता है जिसका उपयोग           कैंसर के उपचार में होता है 


                      टेरीडोफाइट का आर्थिक महत्व 

=>इकवीशिटम की राख में सिलिका अधिक मात्रा में पायी जाती है अतः           इसका उपयोग जैवर ,पीतल की वस्तुओं को चमकाने में किया जाता है 

=>एजोला नीले -हरे शैवालों के साथ में सह जीवी रूप से पाए जाते है 

=>यह चावल के खेतों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने का कार्य करते है 

=>कई फर्नो के राइजोम उबाल कर खाये जाते है 
















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