STOMETA STRUCTURE
रन्ध्र -
पर्ण की अधिचर्म में पाये जाने वाले दीर्घवृताकार छिद्र रन्ध्र कहलाते है प्रत्येक रन्ध्र का निर्माण 2 द्वार
कोशिकाओं व अनेक सहायक कोशिकाओं से होता है यह द्वार कोशिकाएं सेम के बीज के आकार की
होती है जिनकी बाह्य भीति पतली व प्रत्यास्त तथा आंतरिक भीति मोटी व अप्रत्यास्त होती है प्रत्येक द्वार
कोशिका में एक केन्द्रक व अनेक हरितलवक उपस्थित होते है अर्थात ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
यह द्वार कोशिकाएं प्रकाश संश्लेषित होती है
द्वार कोशिकाओं के चरों और सहायक कोशिकाएं उपस्थित होती है जो उनकी सिस्टर सेल कहलाती है
द्वार कोशिकाओं से घिरी गुहा रंध्रीये गुहा कहलाती है
अपवाद -पोएसी - द्वार कोशिकाएं डंबलाकार होती है द्वार कोशिकाएं एपिडर्मिस का ही रूपांतरण है
रंध्रीये सूचकांक -पर्ण में प्रति वर्ग सेमी में पायी जाने वाली एपिडर्मिस कोशिका व रंध्रों की संख्या का
सहसम्बन्द ही रंध्रीये सूचकांक कहलाता है
रंध्रीये आकृति -प्रति सेमी में पाये जाने वाले रंध्रों की संख्या |
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