-आनुवंशिक कूट को निरेनबर्ग व मिथाय ने बताया |
-इसके लिए इनको नोबल पुरुस्कार से सम्मानित किया गया |
नॉट :-भारतीय मूलक के वैज्ञानिक डॉक्टर हरगोविन्द खुराना को भी इनके साथ नोबल पुरुस्कार से सम्मानित किया गया |
m. RNA में उपस्थित नाइट्रोजन -क्षारकों के क्रम या कोडॉन का एमिनो अम्लों के साथ सहसम्बंद आनुवंशिक कूट कहलाता है
t .RNA का क्षार समूह जो m. RNA के कोडॉन से क्षार युग्म बनता है ANTICODONE कहलाता है
आनुवंशिक कूट की विशेषताएं -
=>आनुवंशिक कूट त्रिक होता है |
अर्थात कोडॉन त्रिक रूप में पाए जाते है
=>चारों प्रकार के नाइट्रोजन -क्षारक (A ,U ,C G ) त्रिक रूप में व्यस्थित होकर 64 प्रकार के कोडॉन का निर्माण करते है |
=>जो 20 प्रकार के एमिनो अम्लों का कूटलेखन करने के लिए पर्याप्त होते है |
=>इन 64 कोडॉन में से 61 प्रकार के कोडॉन विशेष प्रकार के अमीनों अम्लों को कॉड करते है इसे संवेदी कोडॉन कहते है |
=>जबकि 3 कोडॉन किसी भी अमीनों अम्ल का कूटलेखन नहीं करते है |
अतः NON -SENSE या समाप्त कोडॉन कहलाते है जो निम्न है
UAG UGA UAA
=>प्रारम्भिक कोडॉन -
1 . AUG -मिथियोनिन आम्ल को कूट करता है
2 . GUG -वेलिनीन अम्ल को कूट करता है
अपवाद -GUG वेलिनीन व मिथियोनिन का कूट करता है
=>कामरहित कोडॉन -
कोडॉन को पढ़ते समय कोमा या अन्य चिन्ह का प्रयोग नहीं किया जाता है अर्थात सतत लिखा जाता है UAA AUG GUG UCA
=>अतिव्यापित कोडॉन -
कोडॉन आपस में अतिव्यापित या अवरलेपित नहीं होते है | अर्थात एक कोडॉन का अक्षर दूसरे कोडॉन के निर्माण में भाग नहीं लेता है
UGA AUG GUG
=>कोडॉन अपहाशिता -
इसके अनुसार एक अमीनों अम्ल के लिए एक से अधिक प्रकार के कोडॉन होते है
20 में से 18 अमीनों अम्ल ऐसे होते है जिनके लिए 1 से अधिक कोडॉन होते है
=>कोडॉन असंधिग्द्ता -
इसके अनुसार विशेष प्रकार का कोडॉन विशिष्ट प्रकार के अमीनों अम्ल का कूटलेखन करता है
अपवाद -स्वरूप GUG कोडॉन मिथियोनिन व वेलिनीन अमीनों अम्ल का कूटलेखन करता है
=>कोडॉन सार्वत्रिक -
सभी प्रकार के जीवों में कोडॉन समान प्रकार के होते है
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