अगर आप योग में एकदम नए है या पहली बार योगाभ्यास शुरू कर रहे है तो ऐसे कई योगासन है जिन्हे
सीखना आप के लिए जरुरी है योग विज्ञान में 300 से भी अधिक आसनो के बारे में बताया गया है लेकिन इन आसन को करने के लिए शरीर को उनके अनुकूल बनाना पड़ता है किसी योगी की योग यात्रा को शुरू करने के लिए इन आसनो की शुरुआत का ही बड़ा महत्व बताया गया है
इसलिए इस आर्टिकल मे ,में आपको बिगिनर्स योग के बारे में जानकारी दूंगा | इन आसनो को अगर आप रोज 5 -10 साँस लेने और छोड़ने तक भी करते है तो।,ये बाकि योगासनो के अभ्यास के लिए आपके शरीर और मन को तैयार करने में मदद करेगा
बिगिनर्स के लिए योगासन -
1 . अधोमुख स्वानासन -
अधोमुख स्वानासन योग विज्ञान का बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है | योग गुरु और योग शिक्षक ,योग सिखने की इच्छा रखने वालो को सबसे पहले इसी योगासन का अभ्यास करने की सिख देते है अधोमुख स्वानासन पुरे शरीर को इच्छा खिंचाव और मजबूती देती है
जैसे एक सेब रोज खाने से डॉक्टर घर नहीं आता है | वैसे ही रोज अधोमुख स्वानासन का अभ्यास करने से भी डॉक्टर और बीमारियां आपसे दूर रहती है इस आसन के अभ्यास से आप स्ट्रेस ,एंग्जाइटी ,डिप्रेशन और अनिद्रा जैसी समस्याओं से भी दूर रहते है
अधोमुख स्वानासन करने की विधि -
1 . योग मैट पर पेट के बल लेट जाएँ |
2 . साँस खींचते हुए पैरों -हाथों के बल शरीर को उठाये और टेबल जैसी आकृति बनाएं |
3 . साँस को बाहर निकालते हुए धीरे -धीरे हिप्स को ऊपर की तरफ उठायें |
4 . अपनी कुहनियों और घुटनों को सख्त बनायें रखें |
5.करें की उलटे ''v ''के आकर में आ जाएँ
6 . इस आसन के अभ्यास के दौरान कन्धे और हाथ एक सीध में रहें
7 . पैर हिप्स की सीध में रहेंगे ध्यान रहें की आपके टखने बाहर की तरफ रहेंगे |
8 . अब हाथों को निचे जमीन की तरफ दबाएं |
9 . गर्दन की लम्बा खींचने की कोशिश करें |
10 . आपके कान आपके हाथों के भीतरी हिस्से को छूते रहें
2 . वृक्षासन -
पेड़ की तरह खड़े रहकर और संतुलन बनाकर किया जाने वाला वृक्षासन बिगिनर्स के लिए बेहद शानदार आसन है | ये आसन योगी को फोकस बढ़ाने और संतुलन हासिल करने में मदद करता है इस आसन के अभ्यास के दौरान आप सांसो को संतुलित करना सीखते है और एक पैर पर शरीर का संतुलन साधना भी सीखते है
वृक्षासन करने की विधि -
1 . योग मेट पर सावधान की मुद्रा में सीधे खड़े हो जाये |
2 दोनों हाथ को जांघों के पास ले जाएँ
3 . धीरे -धीरे दाएं घुटने को मोड़ते हुए उसे बायीं जांघ पर रखें |
4 . बाएं पैर को इस दौरान मजबूती से जमीन पर जमाएं रखें
5 . बाएं पैर को एकदम सीधा रखें और सांसों की गति को सामान्य करें
6 . धीरे से साँस खींचते हुए दोनों हाथों को ऊपर की तरफ उठायें |
7 . दोनों हाथों को ऊपर ले जाकर 'नमस्कार 'की मुद्रा बनाये
8. दूर रखी किसी वस्तु पर नजर गड़ाए रखे और संतुलन बनाये रखें |
9 . रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें | शरीर मजबूत के साथ ही लचीला भी रहेगा \
10 . गहरी सांसें भीतर की और खींचतें रहें
11 . सांसें छोड़ते हुए शरीर को ढीला छोड़ दें
12 . धीरे -धीरे हाथों को निचे की तरफ लेकर आएं
13 . अब दायीं तंग को भी जमीन पर लगाएं
3. पश्चिमोत्तानासन -

पश्चिमोत्तानासन योग विज्ञान का बेहद महत्वपूर्ण आसन है। इस आसन को बैठकर और सामने की तरफ झुककर किया जाता है। इसके अभ्यास से हैमस्ट्रिंग, पीठ के निचले और ऊपरी हिस्से के साथ ही साइड्स को भी अच्छा स्ट्रेच मिलता है। पश्चिमोत्तानासन हर उस योगी के लिए बेहतरीन आसन है जिसने हाल ही में योग का अभ्यास शुरू किया है।
पश्चिमोत्तानासन करने की विधि :
- जमीन पर दोनों पैरों को एकदम सीधे फैलाकर बैठ जाएं।
- दोनों पैरों के बीच में दूरी न हो और जितना संभव हो पैरों को सीधा रखें।
- इसके साथ ही गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी को भी सीधा रखें।
- इसके बाद अपनी दोनों हथेलियों को दोनों घुटनों (Knees) पर रखें।
- अब अपने सिर और धड़ (Trunk) को धीरे से आगे की ओर झुकाएं।
- घुटनों को बिना मोड़े हाथों से पैरों की उंगलियों को छूने की कोशिश करें।
- गहरी श्वास लें और धीरे से श्वास को छोड़ें।
- अपने सिर और माथे को दोनों घुटनों से छूने की कोशिश करें।
- बांहों को झुकाएं और कोहनी ((Elbow) से जमीन को छूने की कोशिश करें।
- श्वास को पूरी तरह छोड़ दें और इसी मुद्रा में कुछ देर तक बने रहें।
- कुछ सेकेंड के बाद वापस पहली वाली मुद्रा में आ जाएं।
- अब सामान्य रूप से श्वास लें और इस आसन को 3 से 4 बार दोहराएं।
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